नासिक एक प्राचीन वास्तुकला और नयी वास्तुकला से भरा शहर है। मतलब आपको यहाँ प्राचीन राम मंदिर भी देखने को मिलता है, और सुला वाइनयार्ड्स जैसे वाइन फैक्ट्री भी देखने को मिलता है। इस के कारन नासिक को ‘भारत की वाइन राजधानी’ कहा जाता है। नासिक एक मात्र ऐसा शहर है, जहा जो कोई भी आता है उसको ये शहर पसंद आ जाता है। नासिक में घूमने के बहुत जगह है, जैसे की मुक्तिधाम, पांडवलेनि, सोमेश्वर मंदिर और बाकि। लेकिन इस लेख में हम आपको यहाँ की 10 सबसे बढ़िया जगह के बारे में बताने वाले है, इसलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।
1. Anjaneri Mountain
नासिक शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अंजनेरी पर्वत एक ऐतिहासिक और धार्मिक पर्वत है। इस पर्वत को भगवान हनुमान के जन्म स्थान कहा जाता है। इस पर्वत के ऊपर पहुंचने के लिए आपको 4 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है। इसमें आपको 4 से 5 घंटे का समय लग सकता है। इस पर्वत को देखने हर साल यहाँ हजारों श्रध्दालु और पर्यटक यह आते है। अंजनेरी पर्वत का नाम भगवान हनुमान जी की माता अंजना के नाम पर रखा गया है। माना जाता है की, इस पर्वत पर माता अंजनी ने भगवान शिव जी की तपस्या की थी, और उनके आशीर्वाद के बाद भगवान हनुमान जी का जन्म हुआ है।
इसलिए इस पर्वत के ऊपर हनुमान जी का एक मंदिर भी है। बारिश में मौसम में ट्रेकिंग करने वाले यात्रियों की भीड़ यहाँ लग जाती है। क्यूंकि इस पर्वत पर्वत चढ़ने का रास्ता टेढ़ा है और बहुत ऊंचा है। इस पर्वत के ऊपर से नासिक शहर का और उसके आस पास का हरियाली से भरा नजारा देखने में बेहद सुन्दर दीखता है। इसके साथ ही हनुमान जयंती और नवरात्री में यहाँ अलग अलग उत्सव मनाये जाते है, जिसे देखने के लिए पर्यटक बड़ी दूर दूर से यहाँ आते है। पर्वत के पास में ही कुछ प्राचीन गुफाएं और जलाशय भी है।
2. Trimbakeshwar Temple
त्र्यंबकेश्वर मंदिर नासिक जिले हरियाली में बसा एक खूबसूरत शहर है। यह मंदिर नासिक स लगभग ३० किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इस मंदिर में भगवान शिव जी आराधना की जाती है। ये मंदिर नासिक जिले के प्रसिद्ध हिन्दू मंदिरों में से एक मंदिर है। इस मंदिर में शिवलिंग के बाजुब्रह्मा, विष्णु और महेश जी की त्रिमूर्ति भी शामिल है। यह मंदिर ब्रम्हगिरी पर्वत की तलहटी में स्थित है।
इस पर्वत में से ही नासिक की पवित्र गोदावरी नदी निकलती है, जिसे कुशावर्त तीर्थ इस नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की खास बात यह है की, ये मंदिर पूरी तरह से हेमाडपंथी वास्तुकला से बना है, जो दिखने में बेहद सुन्दर लगता है। माना जाता है की, इसी जगह पर भगवन गणेश जी का जन्म हुआ है। बारिश के मौसम यहाँ का वातावरण पूरी तरह से हरियाली से भर जाता है। इसके साथ ही सावन के महीने में हजारों शिवभक्त यहाँ दर्शन करने और नसिक में गोदावरी नदी में स्नान करने आते है। ये मंदिर दर्शन के लिए सुबह 5.30 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है।
3. Saptashrungi Devi Temple Vani
समुद्र तल से लगभग 1,230 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सप्तश्रृंगी देवी मंदिर सिर्फ नासिक का नहीं तो पुरे महाराष्ट्र राज्य का एक पवित्र धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में देवी सप्तशृंगी की आराधना की जाती है। यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु माता के सामने माथा झुकाने आते है। सप्तशृंगी का अर्थ है “सात शिखरों वाली देवी” ऐसा है। मतलब यह मंदिर सात पर्वत से घिरे पर्वत पर स्थित है। इस पर्वत पर आज के दिन लगभग 100 से भी ज्यादा जलाशय है। नासिक से सप्तश्रृंगी गढ़ की दुरी लगभग 60 किलोमीटर है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को 500 से ज्यादा सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं।
अगर आपको पैदल नहीं जाना तो यहाँ पर रोपवे ट्रेन की भी सुविधा की गई है। जिसका शुल्क हर व्यक्ति का 120 लगता है। यहाँ सप्तशृंगी देवी की 8 फिट ऊंची मूर्ति है। स्थानीय लोगों का मानना है की, इस जगह पर देवी सप्तश्रृंगी स्वयं प्रकट हुई थी। इस मंदिर तक आप खुद की गाड़ी से या महामंडल की बस से आ सकते हो। चैत्र महीने में यहाँ बहुत बड़ा उत्सव मनाया जाता है, मतलब मेला लगता है। इस समय यहाँ लाखों लोग दर्शन के लिए यहाँ आते है। कुछ लोग तो 100-200 किलोमीटर पैदल चलकर देवी के दर्शन करने आते है।
4. Panchvati
पंचवटी नासिक शहर का एक ऐतिहासिक स्थल है। इस स्थल का संबंध सीधा रामायण से जुड़ा हुआ है क्यूंकि कहा जाता है, की ये वही स्थल है जो वनवास जानें के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और देवी सीता ने इस स्थल पर अपना थोड़ा समय बिताया था। पंचवटी में ही भगवान राम को समर्पित “कालाराम मंदिर” है। जिसका निर्माण 18 वी शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर में भगवान राम की मूर्ति काले रंग की है, इसलिए इसे कालाराम मंदिर कहा जाता है। रामकुंड भी यहाँ का एक धार्मिक स्थल है।
यहाँ पर ही पवित्र गोदावरी नदी बहती है और इसमें पिंडदान और तर्पण किया जाता है। माना जाता है की यह वही जगह है, जहाँ भगवान राम ने अपने पिता राजा दशरथ के लिए तर्पण किया था। ये जगह देखने के लिए पर्यटक दूर दूर से यहाँ आते है। पंचवटी में सीता गुफा नाम का एक स्थल या गुफा कह सकते है। इस गुफ़ा में माता सीता ने कुछ समय के लिए विश्राम किया था। इस गुफ़ा हे होकर अंदर जाना होता है, अंदर आपको माता सीता के चरण और शिवलिंग देखने को मिलते है।
5. Durga Bhandar Fort
समुद्र तल से लगभग 4,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित दुर्गा भंडार किला नासिक जिले का एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक किला है। यह पर्वत ब्रह्मगिरी पर्वत श्रृंखला का एक हिस्सा है। इसक निर्माण मराठा साम्रज्य के समय किया गया था। अगर आपको प्राचीन वस्तुओं से लगाव हैं, तो आपको इस किले को देखने जरूर जाना चाहिए। यह किला उस समय सैन्य की चौकीदार करने में एक महत्वपूर्ण कार्य करता था।
जिन पर्यटकों को पहाड़ के चढ़ना, ट्रेकिंग करना पसंद है, उनको इस किले पर जरूर जाना चाहिए। इस किले तक पहुंचने के लिए आपको ट्रेकिंग करनी होती है। यह किला नासिक शहर से लगभग 35 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। इस पर्वत पर से त्र्यंबकेश्वर शहर का बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। यहाँ आप खुद की गाड़ी या बस, टैक्सी से जा सकते हो।
6. Gangapur Dam
गंगापुर बांध नासिक जिले के लोगों के लिए एक सबसे सुन्दर पिकनिक पॉइंट है। ये गोदावरी नदी पर स्थित एक प्रमुख जलाशय है। नासिक शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस बांध का निर्माण 1954 में किया गया था। इस बांध की ऊंचाई 120 फिट है और लंबाई 12,802 फिट है। इस बांध का कुल आयतन 4,612 किमी है। इस बांध को भारत सरकार द्वारा बनाया गया था। इस बांध के चारों और शांत वातावरण, पेड़, हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती है।
बांध के पास में ही गंगापुर बोट क्लब है, जहा से बोटिंग कर सकते है। अगर आपकी फेमेली बड़ी है, तो आप के लिए स्पेशल नाव भी उपलब्ध है। इस बांध पर से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य देखने लायक होता है। छुट्टी के कारन इस बांध पर शनिवार और रविवार के दिन भीड़ ज्यादा रहती है। इस बांध का पानी नासिक, जळगाव, चालीसगांव जैसे और बाकि बड़े शहर को जाता है।
7. Sula Vineyards
भारत का एक प्रमुख वाइन उत्पादन केंद्र महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है, और उसका नाम सुला वाइनयार्ड्स है। इसके कारन नासिक को “भारत की वाइन कैपिटल” कहा जाता है। सुला वाइनयार्ड्स को 1999 को राजीव सामंत द्वारा निर्माण किया गया था। सुला वाइनयार्ड्स का वातावरण बेहद सुन्दर और शांत है। यहाँ अंगूर के बड़े बड़े बाग़ फैले हुए है, जहां आप वाइन बनाने की पूर्ण प्रक्रिया देख सकते हो।
इसकी खास बात ये है की अंगूर यहाँ के होने के कारन, यहाँ पर वाइन के अलग अलग स्वाद चखने को मिलते है। सुला वाइनयार्ड्स में आपको स्पार्कलिंग वाइन और रेड,व्हाइट जैसे प्रसिद्ध वाइन पिने का आनंद मिलता है। अगर आप यहाँ जाते हो तो आपको वाइन फैक्ट्री का दौरा भी जरूर करना चाहिए, क्यूंकि इस फैक्ट्री में वाइन कैसे बनाई जाती इसके बारे में बताया जाता है। जिसमे अंगूर की खेती से लेकर वाइन को बोतल में भरने तक की सारी प्रक्रिया बताई जाती है।
8. Muktidham Temple
नासिक में स्थित मुक्तिधाम मंदिर अपने संगमरमर की वास्तुकला और विविध देवी-देवताओं की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर बेहद शांति और सुकून का अनुभव मिलता है। इस मंदिर में भगवान गणेश, भगवान शिव, भगवान विष्णु, और माता दुर्गा जैसे और देवताओं की मुर्तिया देखने को मिलती है। ये मंदिर नासिक के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर में शिवरात्रि और नवरात्री के दिनों में भव्य पूजा का आयोजन किया जाता है। इस समय यह दर्शन लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है। यह मंदिर नासिक के बीचों बिच स्थित है, इसलिए आपको यहाँ आने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। आप यहाँ बस, रिक्षा या खुद की गाड़ी से जा सकते हो।
9. Kala Ram Mandir
नासिक का काला राम मंदिर भगवान राम का एक बहुत लोकप्रिय मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया था। इसे मराठा सरदार सरदार रंगराव ओढेकर द्वारा बनवाया गया था। पुराणी कहानियों अनुसार कहा जाता है की, ओढेकर जी को भगवान राम की काली मूर्ति का सपना आया था, उसके बाद उन्होंने इस मंदिर को बनाया था। इस मंदिर को बनाने को बनाने के लिए कुल 12 साल का समय लगा था।
इस पुरे मंदिर को सिर्फ काले पत्थरों से बनाया है। इसलिए इस मंदिर को काला राम मंदिर इस नाम से जाना जाता है। मंदिर के अंदर राम से सिवाय भगवान राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण की मुर्तिया देखने को मिलती है और यह सभी मुर्तिया काले रंग की है। इसके अलावा हर साल रामनवमी के दिन मंदिर में बहुत बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमे नासिक जिले सभी भक्त शामिल होते है।
10. Naroshankar Temple
नारोशंकर मंदिर नासिक के साथ साथ पुरे महाराष्ट्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह मंदिर नासिक की पवित्र नदी गोदावरी के किनारे पर स्थित है। नारोशंकर मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर को एक मराठा सरदार नारोशंकर राजे बहादुर ने 1747 में पेशवा काल बनाया था। इस मंदिर के दीवारों पर पक्षी, प्राणी, मनुष्य और पेड़ों का चित्र उकेरे गए है।
मंदिर का प्रवेश बहुत बड़ा है, जिसपर एक बड़ी घंटी लगाई गई है। इस घंटे को “नारोशंकर घंटा” कहा जाता है। जब इस घंटी को बजाया जाता है, तब इसकी आवाज बहुत दूर दूर तक सुनाई देती है। नारोशंकर मंदिर में महाशिवरात्रि और श्रावण जैसे बड़े त्यौहार पर कई कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है। जिसमे बड़ी संख्या से शिव भक्त शामिल होते है। यह मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है।
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