राजस्थान राज्य का एक प्रमुख ऐतिहासिक शहर जिसे “झीलों की नगरी” भी कहा जाता है, वह शहर मतलब उदयपुर। इस शहर को 1559 में महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने स्थापित किया था। उस समय यह शहर मेवाड़ राज्य की राजधानी हुआ करता था। उदयपुर में पर्यटकों को खूबसूरत झील, महल, किले और फूलों के बाग़ीचे देखने को मिलते है। उदयपुर अरावली की पहाड़ियों में स्थित एक सांस्कृतिक शहर भी है।
उदयपुर को झीलों की नगरी कहा जाता है, क्यूंकि यहाँ पिछोला झील, फतेह सागर झील और उदईसागर जैसे प्रसिद्ध झील देखने को मिलते। है। यहाँ सिटी पैलेस, मानसून पैलेस और जग निवास जैसे ऐतिहासिक महल है। इस लेख में हम आपको उदयपुर में घूमने के लिए सबसे सुन्दर स्थल कौन से है, इसके बारे में जानकारी देने वाले है। इसलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।
1. City Palace
सिटी पैलेस उदयपूर का सबसे बड़ा महल है। यह महल पिछोला झील के किनारे पर स्थित है। सिटी पैलेस को महाराणा उदय सिंह ने 16 वी शताब्दी में बनवाया था। इस पैलेस को बनाने के लिए राजपूत, मुगल और यूरोपीय वास्तुकला शैली का उपयोग किया गया है। महल के प्रवेश द्वार पर बड़े बड़े खंबे है, जिस के निचे से पैलेस के आँगन में प्रवेश होता है। पैलेस के अंदर के काम के लिए कांच का उपयोग सबसे ज्यादा किया है। जब पैलेस के अंदर लाइट लगाए जाते है, तब यह बहुत चमकते है ,जो देखने में बहुत सुन्दर लगते है।
इसके अलावा, यहाँ महाराणा के परिवार की पुरानी पेंटिंग्स भी प्रदर्शन किया गया है। यहाँ का मोती महल भी एक बहुत अच्छा स्थल है, जहां सभी वस्तु और यहाँ का काम कांच से किया गया है। यह महल मोती की तरह चमकता है, इसलिए इसे मोती महल कहते है। सिटी पैलेस के सबसे ऊँचे स्थान को मनक महल के नाम से जाना जाता है। यहाँ से जयपुर शहर का बहुत खूबसूरत नजारा दीखता है। पैलेस में रानिया और बाकि महिलाये जिस जगह पर रहती थी उस जगह को जनाना महक कहते है। उदयपुर में यह पैलेस परिवार और दोस्तों के साथ घूमने के लिए एक अच्छा पर्यटन स्थल है
2. Pichola Lake
पिछोला झील उदयपुर की सबसे प्राचीन और लोकप्रिय झील है। इस झील का निर्माण राणा लाखा के शासनकाल के समय एक बंजारे ने करवाया था। जिसे “पीछू” भी कहा जाता है। इस लिए इस झील का नाम पिछोला झील कहा जाता है। इस झील के बिच में एक पैलेस है। जिसे लेक पैलेस नाम से जाना जाता है। यह पैलेस संगमरमर से बनाया गया है, जो 1746 में महाराणा जगत सिंह ने बनवाया था। यह पैलेस आज के दिन एक 5 स्टार होटल से कम नहीं है। इसके अलावा झील के पास में संगमरमर से बना हुआ जग मंदिर है, जिसे 17वीं शताब्दी में महाराणा कर्ण सिंह ने बनवाया गया था।
उस समय इस मंदिर का उपयोग महल के शाही परिवार को रहने के लिए किया जाता था। झील के किनारे कुछ घाटी भी है। जिसमे गंगौर घाट और लाल घाट है। झील पर से शाम के समय यहां से सूर्यास्त का नजारा बहुत सुन्दर दीखता है। झील पर सबसे लोकप्रिय बोटिंग करना होता है। बोट में बैठकर झील में होने वाले महलो का नजारा देखने का मजा ही अलग होता है। उदयपुर का सबसे बड़ा “सिटी पैलेस” का भी नजारा यहाँ से बहुत सुन्दर दीखता है।
3. Jag Mahal
जग महल पिछोला झील के बिच में बसा एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक महल है। इस महल को महाराणा कर्ण सिंह ने 17वी शताब्दी में बनाया था। इस मंदिर का उपयोग महल के शाही परिवार को विश्राम करने के लिए किया जाता था। इस महल को बनाने के लिए बाकि, महलों की तरह संगमरमर का उपयोग किया गया है। गुल महल इस महल का सबसे प्रमुख हिस्सा है। इसे महाराणा कर्ण सिंह ने मुग़ल शाहजहाँ के स्वागत के लिए बनाया गया था। कहा जाता है, शाहजहां को ताजमहल बनाने की प्रेरणा इसी महल को देखकर मिली थी।
इसके अलावा इस महल के प्रवेश द्वार पर बड़ी बड़ी संगमरमर से बनी हुई हाथी मूर्तियां लगाई गई है। इन मूर्तियों को महल की सुरक्षा का प्रतिक माना जाता है। इस महल में चारों तरफ फूलों के बाग़, प्राकृतिक सुंदरता और शांति देखने को मिलती है। जग महल के आसपास में छोटे छोटे मंदिर भी बनाये है। जग मंदिर के शाम के समय पिछोला झील का बेहद खूबसूरत दृश्य दीखता है। जब सूरज ढलता है और झील का पानी अलग अलग रंगों में चमकता है। यह स्थल परिवार के साथ पिकनिक मानाने के लिए बहुत अच्छा है।
4. Sajjangarh Fort
उदयपुर के अरावली पर्वत की श्रृंखला के ऊपर स्थित सज्जन गड किला एक प्राचीन और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। इस किले को मानसून पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। इस किले पर से उदयपुर शहर और पिछोला झील का बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। इस किले को महाराणा सज्जन सिंह ने 19वीं शताब्दी में बनवाया गया था। इस किले को बनाने का मुख्य उद्देश्य मानसून के दिनों में बादलों और मौसम के बदलाव का निरीक्षण करना था। इसलिए इसे “मानसून पैलेस” भी कहते है। यह किला इतनी ऊंचाई पर है की, यहाँ से बादलों को बहुत करीब से देखा जा सकता है।
बारिश के मौसम यहां का मौसम चारों तरफ से हरियाली से भर जाता है। सज्जनगढ़ किला राजपूत शैलचित्र की मदत से बनाया गया है। इसके साथ किले की दीवारें बनाने के लिए सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया है। यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखने लायक होता है। जब सूरज धीरे-धीरे अरावली की पहाड़ियों के पीछे छिपता है तब, यह नजारा देखने के लिए पर्यटक बहुत दूर दूर इस किले पर आते है। इस किले पर आपको हर मौसम में शांति का अनुभव मिलता है।
5. Fateh Sagar Lake
फ़तेह सागर झील उदयपुर की सबसे खूबसूरत झीलों में से एक है। इस झील को महाराणा जय सिंह ने 1680 में बनाया था, लेकिन फिर बाद में 19 वी सदी में इसका पुनर्निर्माण महाराणा फतेह सिंह ने किया था। इसलिए इस झील का नाम फ़तेह सागर झील रखा गया है। इस झील पर तीन मुख्या द्वीप है जिनका नाम, नेहरू गार्डन, सोलर ऑब्जर्वेटरी (यूएसओ) और तीसरा द्वीप है नेहरू गार्डन यहाँ का सबसे बड़ा द्वीप है, जहां एक बगीचा, झरने और बहुत सारे फूलों के पेड़ है। सोलर ऑब्जर्वेटरी दूसरे द्वीप पर है। जहा सोलर से जुडी शाला है। जिसे वेधशाला भी कहा जाता है।
यह वेधशाला पानी के बीचो बिच होने के वजह से लोगों के बिच बहुत लोकप्रिय है। तीसरा द्वीप को तीसरा द्वीप ही कहते है। इस द्वीप को सार्वजानिक लोगों के लिए पार्क के रूप में बनवाया गया है। फ़तेह सागर झील पर बोटिंग की भी सुविधा की गई है। जहा पर्यटकों को मोटरबोट, पैडल बोट, और स्पीड बोट करने का मौका मिलता है। बोट में से चारों ओर पानी और महलों का नजारा बहुत सुन्दर दीखता है। इसके अलावा झील के किनारे पर एक पृथ्वीराज नाम का एक पार्क है। यहां से सूर्यास्त का दृश्य बेहद अच्छा दिखता है।
6. Saheliyon Ki Bari
सहेलियों की बाड़ी खास रूप से महारानी और उनकी साहिलियो के लिए बनाई गई थी। इस बाड़ी को महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय ने 18वीं शताब्दी में बनवाया था। यह बाढ़ उदयपुर के पिछोला झील के किनारे पर स्थित है। यह बाड़ी खास करके अपने फव्वारों के लिए प्रसिद्ध है। इन फव्वारों को इंग्लैंड की फव्वारों की तरह डिज़ाइन किया गया है। बारिश के मौसम में यह फव्वारे बहुत जोर से निकलते है, जो देखने में बहुत सुन्दर और खतरनाक लगते है।
यह फव्वरे कमल के फूल के आकार के बनाये गए है। इसके आसपास कई प्रकार के फूलों के पेड़ लगाए गए है। उद्यान के चारों ओर सुंदर संगमरमर के तंबू बनाए गए हैं। जहा महारानी अपणी साहिलियो के साथ बैठती थी। यह तंबू राजस्थानी और राजपुताना शिल्पकला कला से बनाये गए है। उद्यान के बीच में एक सुंदर कमल का तालाब है। जब इस तालाब में बहुत सारे कमल के फूल खिल जाते है, तो यह नजारा देखने के लिए स्थानीय लोग जमा हो जाते है।
7. Ranakpur Jain Temple
राजस्थान के पाली जिले में स्थित रणकपुर जैन मंदिर भारत के सबसे लोकप्रिय जैन मंदिरो में से एक है। इस मंदिर को पूरी तरह से संगमरमर की नक्षियो से बनाया गया है। इस मंदिर में प्रथम जैन तीर्थंकर “भगवान आदिनाथ” की पूजा पाठ की जाती है। रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण जैन व्यापारी धर्म शाह ने 15वीं सदी में किया था और इसे जिस जगह पर बनाया गया है वह जगह मेवाड़ के राजा राणा कुंभा ने दी थी।
इसलिए इस मंदिर को रणकपुर जैन मंदिर कहा जाता है। मंदिर को बनाने के लिए सफेद संगमरमर का उपयोग किया है। यह मंदिर इतना बड़ा है की, ये आज के समय में 1444 खंभे पर खड़ा है। मंदिर के अंदर भगवान आदिनाथ की चार मुख वाली मूर्ति की स्थापना की गई है। रणकपुर जैन मंदिर सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है।
8. Sajjangarh Biological Park
सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क उदयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह उद्यान सज्जनगढ़ किले के पास स्थित है, जिसे मानसून पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। इस उद्यान को 2015 में बनाया गया था। इस की सबसे खास बात यह है की, यह उद्यान सज्जनगढ़ किला और फतेह सागर झील के पास में ही होने की वज़ह से पर्यटकों के बिच बहुत लोकप्रिय है।
यहाँ पर एक वन्यजीव अभरण्य भी है, जहा सभी जंगली जानवरो को बाहत नजदीक से देख सकते है। जैसे की, तेंदुए, शेर, बाघ, हिरण, भालू, लकड़बग्घा, मगरमच्छ। यहाँ हर साल हजारों पर्यटक पिकनिक मनाने के लिए जाते है, खासकर जून से अक्टूबर इस महीने में। इन महीनों में बारिश के कारण यहाँ का वातावरण बहुत सुन्दर हरियाली से भर जाता है। सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल उद्यान सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।
9. Eklingji Temple
उदयपुर से लगभग 22 किलोमीटर की दुरी पर कैलाशपुरी गांव में स्थित एकलिंगजी मंदिर एक बहुत धार्मिक शिव मंदिर है। इस मंदिर में भगवान शिव जी को एकलिंग में पूजा जाता है। इस मंदिर का निर्माण मेवाड़ के राजा बप्पा रावल ने 15वीं सदी में किया था। मंदिर को बनाने के लिए सफ़ेद संगमरमर पत्थर का उपयोग किया गया है। इस मंदिर के अंदर शिव जी के चार लिंगों वाली मूर्ति की स्थापना की है।
इन चार लिंगो के मुख का मतलब, पूर्व की ओर मुख ब्रह्मा का, पश्चिम की ओर मुख विष्णु का, उत्तर की ओर मुख रुद्र का, और दक्षिण की ओर मुख सूर्य का है। एकलिंगजी मंदिर के अलावा यहाँ गणपति, रामजी, हनुमानजी, देवी दुर्गा, पार्वती के मंदिर है। यह मंदिर भक्तों को दर्शन के लिए सुबह 4 बजे से 7 बजे तक और फिर शाम 5 बजे से 7:30 बजे तक खुला रहता है।
10. Kumbhalgarh Fort
उदयपुर के अरावली पर्वत श्रृंखला पर और समुद्र तल से 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कुम्भलगढ़ एक सबसे प्राचीन और ऐतिहसिक किला है। यह किला उदयपुर से लगभग 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस किले को मेवाड़ राजवंश के शासक महाराणा कुम्भा द्वारा 15वीं सदी में 1443 ई. में बनवाया गया था। कुम्भलगढ़ किले को राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा किला कहा जाता है। इस किले की सबसे खास यह है की, यहाँ पर राजपूत सम्राट महाराणा प्रताप जी का जन्म हुआ है।
किले के चारों और 36 किलोमीटर की बहुत लंबी दीवार है। इस दिवार को “ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया” के नाम से भी जाना जाता है। यह दिवार चीन की सबसे लम्बी दीवार के बाद दूसरी लंबी दिवार है। इसके अलावा किले के अंदर जाने के लिए सात बहुत बड़े बड़े दरवाजे है। सात में से मुख्य द्वार को “अरेठ पोल” कहा जाता है।जिन पर्यटकों को यह किला अंदर से देखना है उनको सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे के बिच में जाना होगा।
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