मध्य प्रदेश की राजधानी और भारत के ऐतिहासिक शहरों में से एक शहर मतलब भोपाल। भोपाल को “झीलों का शहर” भी कहा जाता है। भोपाल की स्थापना राजा भोज ने 11वी सदी में की थी। इसलिए राजा भोज के नाम से इसका नाम भोपाल रखा गया। भोपाल के सबसे बड़े निर्माण में भोपाल की बेगम खास करके शाहजहां बेगम और सुल्तान जहां बेगम इन्होने बड़ी मेहनत की थी। भोपाल में हिन्दू और मुस्लिम धर्म के लोगों का मिश्रण है।
भोपाल की पान पुरे देश में प्रसिद्ध है। साथ ही खाने में कबाब और भोपाली बिरयानी बड़ी स्वादिष्ट मिलती है। भोपाल में बहुत ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल है, जहां पर्यटक घूमने जाते है। जैसे की, ताज-उल-मस्जिद, भारत भवन, भीमबेटका की गुफाएं, सांची स्तूप और शौर्य स्मारक जैसे प्रमुख स्थल शामिल है। इस लेख में आपको भोपाल में घूमने की सबसे अच्छी जगह के बारे में जानकारी प्राप्त होगी, इसलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।
1. Bada Talab
भोपाल में दो सबसे महत्वपूर्ण झीलें है, जिन्हें बड़ा तालाब और छोटा तालाब के नाम से जाना जाता है। इसमें बड़ा तालाब भोपाल की सबसे बड़ी झील है। इसे “ऊपरी झील” इस नाम से भी जाना जाता है। यह झील तक़रीबन 1000 साल पुराणी है, और स्थानीय लोगों द्वारा कहा जाता है की, इस झील को राजा भोज ने इस झील का निर्माण किया था। क्यूंकि जब शहर में पानी का संकट आये तो इस झील के पानी का उपयोग हो सके।
इस झील पर अभी बोटिंग, पैडलिंग और क्रूज़िंग जैसी सुविधाएं की गई है। साथ ही इस झील के पास में ही वैन विहार राष्ट्रिय उद्यान है, जो देखने में बेहद खूबसूरत है। उद्यान और झील परिवार के साथ एक दिन की पिकनिक मनाने के लिए अच्छा स्थल है। बड़े तालाब में 1160 लाख घन मीटर पानी समां सकता है। छोटे झील की बात करें तो, यह झील शहर के बीचों बींच है। यहाँ प्राकृतिक सुंदरता और शांति का अनुभव मिलता है। इस की खास बात यह है की, छोटे तालाब का पानी बड़े तालाब के मुकाबले साफ होता है। इस झील पर भी परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक का आनंद लेने जा सकते हो।
2. Taj-ul-Masjid
ताज-उल-मस्जिद भोपाल की और भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। “ताज-उल-मस्जिद” का अर्थ “मस्जिदों का ताज” ऐसा होता है। इस मस्जिद नवाब शहजान बेगम द्वारा शुरू किया गया था, लेकिन उस समय उनका निधन हो गया और मस्जिद बनाने का काम रुक गया। बाद में यह काम २० वी सदी में पूरा किया गया। यह मस्जिद आज के दिन अपनी वास्तुकला और बड़ी होने के कारन पुरे भोपाल में प्रसिद्ध है। मस्जिद में इस्लामी वास्तुशैली देखने को मिलती है।
मस्जिद में बड़े गुबंद, मीनारें और बड़ासा आँगन है। मस्जिद का प्रवेश द्वार भी बहुत बड़ा है और उसपर इस्लामी वास्तुशैली बनाई है। मस्जिद में संगमरमर से बने तीन बड़े गुंबद हैं, जो आँगन से बहुत सुन्दर दीखते है। ताज-उल-मस्जिद में हर साल अलग अलग प्रकारके धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों लोग हिस्सा लेते है। ताज-उल-मस्जिद भोपाल के पुराने शहर में है, लेकिन यह इतनी बड़ी मस्जिद है की दूर दूर से दिख जाती है। मस्जिद को देखने भोपाल के साथ साथ पर्यटक देश विदेश से यहाँ आते है।
3. Bharat Bhavan
भारत भवन भोपाल का सांस्कृतिक केंद्र है। यह भवन भोपाल के श्यामला हिल्स क्षेत्र में स्थित है। इस केंद्र को संगीत, नाटक, भारतीय कला जैसे कार्यक्रमों के लिए तैयार किया गया है। भारत भवन की स्थापना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 13 फरवरी 1982 में की गई थी। इस भवन का डिज़ाइन वास्तुकार चार्ल्स कोरिया द्वारा तैयार किया गया है। यह भवन पहाड़ी के ऊपर स्थित है। यहां से भोपाल का प्रसिद्ध बड़े तालाब का नजारा बेहद सुन्दर दीखता है।
भवन के अंदर पुस्तकालय, आर्ट गैलरी और चित्र संग्रहालय है। इसमें प्राचीन किताबें, चित्र और प्राचीन कला का प्रदर्शन किया है। भारत भवन में एक ओपन-एयर थिएटर और एक इनडोर ऑडिटोरियम बनाया हैं, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम, नाटक, नृत्य जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह भवन कलाकारों के द्वारा पसंद किये जाने भवन में से एक है। इसके अलावा भवन में साहित्यिक चर्चा, कवि सम्मेलनों का आयोजन भी किया जाता है।
4. Bhimbetka Caves
भोपाल से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भीमबेटका की गुफाएं मध्य प्रदेश के रायसेन जिले का एक प्राचीन स्थल है। स्थानीय लोगों द्वारा कहा जाता है की, यह गुफाएं पाषाण युग से जुड़ी हुई है, और यह लगभग 30,000 साल पुराणी है। इस गुफाओं का संबंध सीधा महाभारत से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है की, यह गुफाएं महाभारत के भीम के विश्राम करने की जगह थी। इसलिए इसे भीमबेटका नाम से जाना जाता है। गुफा के अंदर के पत्थरों पर आदिमानव का चित्र, जानवरों का चित्र, शिकार, हतियार, भगवान कि मुर्तिया और नृत्य जैसी शैलचित्र बनाई है।
इस शैली को बनाने के लिए सबसे ज्यादा लाल और सफ़ेद रंग का इस्तमाल किया गया है। भीमबेटका की गुफाए प्राकृतिक सुंदरता और पहाड़ो के बिच घिरी हुई है। इस कुछ गुफाओं का आकार बहुत बड़ा है, जिसमे कई लोग आराम से बैठ सकते है। इस गुफाओं से प्राचीन शैलचित्र के बारे में जानकारी मिलती है। यहाँ का वातावरण बारिश के समय हरियाली से भर जाता है। इसलिए ज्यादा तर पर्यटक जून से लेकर सितंबर इस महीने में आना पसंद करते है। भीमबेटका की गुफाएं को UNESCO के द्वारा भारत की विरासत का ऐसी मान्यता दी गई है।
5. Sanchi Stupa
सांची स्तूप भोपाल से लगभग 46 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले का एक प्राचीन बौद्ध स्थल है, जो बौद्ध धर्म के लोगों का महत्वपूर्ण तीर्थ क्षेत्र माना जाता है। सांची स्तूप को UNESCO के द्वारा भारत की विरासत का ऐसी मान्यता दी गई है। सांची का सबसे बड़ा स्तूप “महास्तूप” इस नाम से जाना जाता है। महास्तूप को तीसरी शताब्दी के पहले मौर्य सम्राट अशोका द्वारा बनवाया गया था। उस समय बौद्ध धर्म के अपनाने के बाद सांची में इस स्तूप का निर्माण करवाया गया था।
उसके बाद यहाँ पर मठ, मंदिर और बाकि स्तूप का निर्माण किया गया। स्तूपों के चारों ओर सुन्दर नक्षीकाम किया है। इसमें चार बड़े प्रवेश है, जहां बौद्ध धर्म के घटनाओं के बारे में बताया गया है। यहाँ हर साल बुद्ध पूर्णिमा के दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर हजारो बौद्ध धर्म के लोग यहाँ आते है। यहाँ पर सांची स्तूप के अलावा 2 और 3 नंबर के स्तूप, अशोक स्तंभ, बौद्ध मठ और संग्रहालय है। जहा प्राचीन हतियार और चित्रशैली का प्रदर्शन किया गया है।
6. Shaurya Smarak
शौर्य स्मारक भारत के भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान को समर्पित है। शौर्य स्मारक का उद्घाटन 14 अक्टूबर 2016 को किया गया था। इसका निर्माण मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किया गया है। इस स्मारक से अंदर एक 62 फिट ऊँचा स्तंभ है, जो वीरता और शक्ति का प्रतिक माना जाता है। यह स्तंभ चार स्तरों से तैयार किया है। जिसमे जल, थल, वायु और अंतरिक्ष के रूप में भारतीय सशस्त्र बलो की ताकद और हौसला बढ़ाता है। शौर्य स्मारक के अंदर एक संग्रहालय है, जहां भारतीय जवानों की कहानियाँ और वीरता के किस्से के बारे में दिखाया है। यहां मल्टीमीडिया डिस्प्ले, इंटरैक्टिव स्क्रीन, और 3D मॉडल्स की मदत से यह कहानियाँ दिखाई जाती है।
7. Kamla Park
भोपाल के बड़ा तालाब के किनारे स्थित “कमला पार्क” बहुत सुन्दर सार्वजनिक उद्यान है। यह उद्यान भोपाल के सबसे शांत और हरियाली के वातावरण के लिए जाना जाता है। यह उद्यान बड़े तालाब के किनारे पर है इसलिए यहाँ से बड़ा तालाब का बहुत सुन्दर दृश्य दीखता है। खास करके शाम को सूर्यास्त के समय यह दृश्य और भी सुन्दर दीखता है।
इसके अलावा यह उद्यान भोपाल शहर के बिच में होने के कारन यहाँ हर रोज बहुत सारे स्थानीय लोग और दोस्त पिकनिक मनाने के लिए जाते है। उद्यान में वॉकिंग ट्रेल्स और ओपन जिम भी है, इसलिए सुबह और शाम के समय यहां बड़ी संख्या में लोग फिटनेस एक्टिविटी के लिए आते हैं। यह पार्क सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है।
8. Kerwa Dam
भोपाल शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दुरी पर स्थित “केरवा डैम” भोपाल के सबसे बड़े और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। इस डैम आसपास जंगल और हरे भरे पहाड़ है इसलिए यहाँ पिकनिक मनाने का बहुत मजा आता है। बारिश के मौसम में डैम पर एक बहुत बड़ा झरना बहता है, जिसे केरवा झरना नाम से जाना जाता है। इस डैम की सबसे खास बात यह है की, यहाँ पर्यटकों को बोटिंग और ज़िपलाइनिंग करने का मौका मिलता है। आज के समय में यहाँ इलेक्ट्रॉनिक बोट का इंतजाम किया है, जो देखने में और चलाने में बहुत अनोखी लगती है। इसके साथ यहाँ हिरण, मोर, हाथी जैसे जंगली प्राणी भी पाए जाते है।
9. Birla Mandir
बिरला मंदिर भोपाल के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर भी कहा जाता है। बिरला मंदिर को भारत के बिरला परिवार ने बनाया है और यह मंदिर भोपाल के एक बहुत बड़े पहाड़ पर है। यहाँ से पुरे भोपाल शहर का बहुत खूबसूरत दृश्य देखने को मिलता है। बिरला मंदिर को बनाने के लिये सफेद संगमरमर पत्थर का उपयोग किया गया है। मंदिर के अंदर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों की स्थापना की है जो देखने में बहुत सुन्दर दिखती है।
यहाँ के खंबों पर बहुत बारीकी से नक्षीकाम किया है। इस नक्षीकाम को करने के लिए भारत के कई बड़े शिल्पकारों को बुलाया गया था। इसके अलावा मंदिर के परिसर में ही एक संग्रहालय है, जहाँ प्राचीन वस्तुएं, मुर्तिया, दस्तावेज और हथियार का प्रदर्शन किया है। मंदिर में दीपावली, दशहरा, जन्माष्ठमी जैसे त्यौहार बहुत धूम धाम से मनाये जाते है। बिरला मंदिर भक्तो को दर्शन और पिकनिक मनाने के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।
10. Van Vihar National Park
वन विहार नेशनल पार्क भोपाल के सबसे बड़े नेशनल पार्क में से एक है, जो बड़े तालाब के किनारे स्थित है। वन विहार नेशनल पार्क लगभग 4.45 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस पार्क को 1983 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था। इस पार्क में सभी प्रकार के जंगली और पालतू जानवर पाए जाते है। जिसमे बाघ, शेर, तेंदुआ, भालू, सांभर, नीलगाय और चीतल जैसे जानवर देखने को मिलते हैं। इन सभी जानवरो को यहाँ पर बहुत सुरक्षित रखा गया है ताकि पर्यटकों को इन्हे देखने में आसानी हो।
प्राणियों के सिवाय यहाँ फ्लेमिंगो, स्पूनबिल, जलमुर्गी, तोता जैसे सभी प्रकारके पक्षी देखने को मिलते है। वन विहार पार्क में साइकिलिंग और ट्रैकिंग का भी आनंद लिया जाता है। यहाँ पर साइकल किराये पर मिलती है। इस साइकल की मदत से पार्क के अंदर का सभी परिसर घूमने का मौका मिलता है। इस पार्क में हर रोज बहुत लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए जाते है। वन विहार नेशनल पार्क सुबह 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक खुला रहता है।
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