भारत की राजधानी दिल्ली। भारत घूमने के शहरों दिल्ली का नाम लिया जाता है, और दिल्ली को मिनी इंडिया भी कहा जाता है। दिल्ली में जामा मस्जिद, लाल किला, कुतुब मीनार जैसे कई प्रसिद्ध स्मारक देखने के लिए एक प्राचीन स्थल है। पर्यटकों को दिल्ली में घूमने के लिए प्राचीन किले से लेकर नाइट क्लब है। अगर आप दिल्ली में घूमने का प्लान बना रहे है, तो आपकों शहर के अंदर ही बहुत जगह घूमने का मौका मिलता है। इस लेख आपको पता चलेगा की आप दिल्ली में कोण कोण सी जगह पर घूम सकते हो, इसलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।
1. India Gate Delhi
इंडिया गेट दिल्ली और भारत का एक ऐतिहासिक स्थल है। इस गेट को अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के रूप में देखा जाता है। इंडिया गेट को पाहिले विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना को शहीद सेना को श्रद्धांजलि देने के लिए ब्रिटिश राज ने बनवाया था। इस गेट को 1931 में बनवाया गया था लेकिन इसको बनवाने का प्रस्ताव सरकार को 1921 में रखा गया था। मतलब इसे बनाने का कार्यकाल 10 साल का है। इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन वायसराय सर लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था। आप यहाँ अपने परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने जा सकते हो।
2. Delhi Zoo
दिल्ली का चिड़ियाघर जिसे जिसे “नेशनल जूलॉजिकल पार्क” के नाम से भी जाना जाता है, एक बहुत बढ़िया पर्यटन स्थल है। यह चिड़िया घर दिल्ली के लगभग 176 एकड़ में फैला हुआ है। यह चिड़ियाघर भारत के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है। दिल्ली के जूलॉजिकल पार्क की स्थापना 1959 में की गई थी। फिर इसे 1 नवंबर 1959 में पर्यटकों के लिए सार्वजनिक रूप से खुला कर दिया था।
इस चिड़ियाघर का इतना सुन्दर डिज़ाइन श्रीलंका के प्रसिद्ध वास्तुकार मैजर वाइनमेन ने तैयार किया था। यहाँ आपको 130 से भी ज्यादा प्रजातियों के पक्षी और जानवर देखने को मिलते है। जिसमे बाघ, तेंदुआ, शेर, हाथी, गैंडा और हिमालयी भालू जैसे जानवर शामिल है। यह पार्क पर्यटकों के लिए सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है।
3. Red Fort Delhi
लाल किला दिल्ली का सांस्कृतिक और प्राचीन किला है। जब मुगल बादशाह शाहजहां ने 1638 में अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थलांतरित किया था, तब यह किला बनवाया गया था। ये किला लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, इसलिए इसका नाम “लाल किला” रखा गया है। किले के अंतर दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, रंग महल, और मोती मस्जिद शामिल है। किले के बादशाह जब सभी लोगों से मिलते थे, उस जगह को दीवान-ए-आम कहा जाता है। 15 अगस्त 1947 में भारत की स्वतंत्रता की घोषणा इसी किले से की गई थी। इस किले को UNESCO के द्वारा भारत की विरासत का ऐसी मान्यता दी गई है।
4. Qutub Minar Delhi
कुतुब मीनार को दुनियाँ की सबसे ऊँची ईंट से बनी मीनारों में से एक माना जाता है। कुतुब मीनार की ऊंचाई 73 मीटर की है। कुतुब मीनार को 1193 में दिल्ली के पहले सुल्तान कुतुब-उद-दीन ऐबक ने बनवाया था। इसका निर्माण कुतुब-उद-दीन ऐबक के कार्यकाल में शुरू हुआ और उनके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश के कार्यकाल में पूरा हुआ था। इस मीनार को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है। इन पत्थरों पर कुरान की आयत का नक्षीकाम किया गया है, जो देखने में बेहद सुंदर दिखता है। इस मीनार में कुल पांच मंजिल है। इस मीनार को UNESCO के द्वारा भारत की विरासत का ऐसी मान्यता दी गई है।
5. Humayun Makbara
मुगल सम्राट हुमायूँ के याद में बनवाया गया हुमायूँ का मकबरा दिल्ली का एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है। यह मकबरा हुमायूँ की पत्नी, बेगम हमीदा बानो द्वारा 1565 में बनवाया गया था। इस मकबरे का बाहर क भाग का निर्माण लाला बलुआ पत्थरों किया गया है, और अंदर के हिस्से के लिए सफ़ेद संगमरमर से सजाया गया है। इस मक़बरव के चारों ओर हरियाली से भरे पेड़ पौधे है। हुमायूँ का मकबरे का डिज़ाइन पारसी वास्तुकार मिर्जा ग्यास द्वारा तयार किया गया है। इस मीनार को भी UNESCO के द्वारा भारत की विरासत का ऐसी मान्यता दी गई है।
6. Safdarjung Makbara
दिल्ली का सफदरजंग का मकबरा दिल्ली के साथ साथ भारत का एक ऐतिहासिक स्थल है। इस मकबरे को नवाब ‘सफदरजंग’ की याद में बनाया गया है। नवाब सफदरजंग का पूरा नाम मिर्ज़ा मुकिम अबुल मंसूर खान था। सफदरजंग मुगल बादशाह मोहम्मद शाह के कार्यकाल में दिल्ली के प्रधान मंत्री हुआ करते थे। 1754 में सफदरजंग के निधन के बाद उनके बेटे ने इस मकबरे का निर्माण किया था। इस मकबरे को बनाने के लिए लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर का उपयोग किया गया है। मकबरे के चारों ओर पेड़ और फव्वारे लगाए है। यहाँ आप परिवार के साथ पिकनिक मनाने जा सकते हो।
7. Akshardham Temple Delhi
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली का प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस मंदिर को स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर से भी जाना जाता है। 6 नवंबर 2005 को स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख प्रमुख स्वामी महाराज द्वारा इस मंदिर का उद्घाटन किया गया था। इस मंदिर को बनवाने में लगभग 5 वर्षों का समय लगा है। साथ ही इस मंदिर को बनाने के लिए 12,000 कारीगरों ने अपना योगदान दिया है। इस मंदिर में भगवान स्वामीनारायण की 141 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित की गई है। मंदिर बनाने के लिए मंदिर के बाहर गुलाबी बलुआ पत्थर और अंदर से सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया है।
8. Lotus Temple Delhi
लोटस टेम्पल बहाई धर्म के लोगों का धार्मिक स्थल है। इस मंदिर को कमल मंदिर से जाना जाता है। इस मंदिर अनोखा कमल के फूलों के आकार का एक वास्तुकला बनाया गया है, जिसे देखने पर्यटक यहाँ दूर दूर से आते है। ये मंदिर बहाई धर्म के लोगों का प्रथम धार्मिक स्थल होने के बावजूद यहाँ सभी धर्म के लोगों के लिए खुला रहता है। इस मंदिर का निर्माण 1986 में पूरा हुआ था।
इस मंदिर की डिज़ाइन प्रसिद्ध ईरानी-कनाडाई वास्तुकार फ़रिबुर्ज़ साहबा के द्वारा किया गया है। मंदिर का ढांचा 27 सफ़ेद संगमरमर के पंखुड़ियों से बनाया गया है। लोटस टेम्पल के चारों और हरियाली से भरे बाग़ और पानी के कुंड है, जो देखने में बेहद सुन्दर दीखते है। मंदिर के अंदर शांत और सुकून का अनुभव मिलता है।
9. Chandni Chowk Delhi
चांदनी चौक दिल्ली का ऐतिहासिक बाजार है। 17वीं शताब्दी में मुगल बादशाह शाहजहां की बेटी जहांआरा बेगम ने चांदनी चौक का निर्माण किया था। इस चौक में पहले कुंड (तालाब) हुआ करता था, और इस तालाब में चाँद का प्रतिबिंब साफ दीखता था। इसलिए इस का नाम “चांदनी चौक” रखा गया है। अगर आपको दिल्ली का इतिहास देखना है, तो आपको चांदनी चौक में एक बार जरूर जाना चाहिए। यह दिल्ली का मुख्य बाजार है।
यहाँ आपको किताबें, कपडे, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स वास्तु, मसाले जैसे और भी वस्तुओं की शॉपिंग कर सकते हो। शॉपिंग के साथ ही यहाँ खाने के लिए कैफ़े और होटल भी है, जहाँ आप स्वादिष्ठ खाने का मजा उठा सकते हो। आप इस चौक में जामा मस्जिद, सनहेरी मस्जिद, गुरुद्वारा शीश गंज साहिब, श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर जैसे स्थलों पर जा सकते हो।
10. President House Delhi
भारत के राष्ट्रपति जी जगह पर रहते है, उस जगह को “राष्ट्रपति भवन” कहा जाता है। यह भवन देश के सबसे बड़ी ईमारतो में से एक है। राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली के रायसीना हिल्स के पास स्थित 330 एकड़ में फैला हुआ है। राष्ट्रपति भवन का निर्माण 1929 में किया गया था। उस समय यह भवन ब्रिटिश शासन के अधीन था, इसलिए इसे “वाइसरॉय हाउस” कहा जाता था। फिर बाद में जब 1947 में भारत को स्वतंत्र मिला तो, इसे राष्ट्रपति भवन बनाया गया। इस इमारत का डिज़ाइन ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस ने बनाया है। इस भवन में लगभग 340 कमरे बनाये है। राष्ट्रपति भवन का निर्माण लाल और पीले बलुआ पत्थर से किया गया है।
11. Raj Ghat Delhi
राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की समाधी स्थित है। राजघाट स्मारक यमुना नदी के किनारे एक शांत और हरियाली से भरे क्षेत्र में बनाया गया है। गाँधी जी का निधन 30 जनवरी 1948 को हुआ था, और उनका अंतिम संस्कार राजघाट पर किया गया। उसीके कारन यह स्थान उनकी समाधी के रम में बनवाई गई। गांधीजी को श्रद्धांजलि देने यह हर साल हजारों लोग यहाँ आते है।
समाधी के पास में ही गाँधी जी के जीवन से जुड़ी कहानियों के लिए गाँधी स्मुर्ती संग्रहालय और गाँधी दर्शन संग्रहालय बनाये गए है। राजघाट पर गांधी जी की समाधि काले संगमरमर से बनी हुई है, और इसपर “हे राम” शब्द खुदे हुए है। हर साल यहाँ 2 अक्टूबर को गांधी जी के जयंती पर अलग अलग कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री जैसे बड़े लोग यहाँ गांधीजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने जाते है।
12. Digambar Jain Lal Mandir Delhi
श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर दिल्ली का प्राचीन जैन मंदिर है। यह मंदिर चांदनी चौक के पास में और लाल किले के बिलकुल सामने है। इस मंदिर का निर्माण 1656 में किया गया था। इस मंदिर को दिल्ली का सबसे पुराना जैन मंदिर माना जाता है। इस मंदिर के मुख्या द्वार के ढांचे को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है। इसके कारन इस मंदिर को “लाल मंदिर” भी कहाँ जाता है। मंदिर के अंदर भगवान महावीर की एक बड़ी मूर्ति स्थापित की गई है। जो जैन धर्म के 24वे तीर्थंकर है।
इसके साथ ही मंदिर में बाकि जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां आपको देकने को मिलती है। मंदिर में ध्यान और प्रार्थना करने के लिए एक बड़ा हॉल बनवाया गया है। यहाँ का वातावरण बेहद शांत है। श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर के द्वारा पक्षियों के इलाज के लिए एक अस्पताल बनाया गया है। जहा घालय और बीमार पक्षियों की देखभाल की जाती है।
13. Jama Masjid Delhi
जामा मस्जिद दिल्ली की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। जामा मस्जिद को “मस्जिद-ए-जाहान-नुमा” भी कहा जाता है। ये मस्जिद पुराणी दिल्ली के चांदनी चौक के इलाके में है। जामा मस्जिद को मुग़ल बादशाह शाहजहां ने 1650 से 1656 इस समय बनवाया था। इस मस्जिद में तीन प्रमुख बड़े बड़े दरवाजे है और तीन बड़े गुबंद है। ये गुंबद सफ़ेद और काले संगमरमर पत्थर से बने हुए है। साथ ही मस्जिद के चारों ओर चार मीनारें है जो लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर के मिश्रण से बनाई गई है।
इन मीनारों से पुरानी दिल्ली का बहुत सुन्दर दृश्य देखने को मिलता है। इस मस्जिद का आंगन इतना बड़ा है की इसमें एक साथ 25000 से ज्यादा लोग नमाज अदा कर सकते है। हर रोज की नमाज के लिए मस्जिद के अंदर एक बड़ा हॉल बनाया है।
14. Tughlaqabad Fort
दिल्ली का तुगलकाबाद किला गयासुद्दीन तुगलक ने 1321 में बनाया था। यह किला आज दिल्ली के सबसे प्राचीन किले में से एक जाना जाता है। किले को बनाने वाले गयासुद्दीन तुगलक उस समय के दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश के संस्थापक हुआ करते थे। इस किले को आज भी इसलिए जाना जाता है की, इसकी बजबूती आज भी वैसी ही है, जैसे बनाने के समय में थी। यह किला इतना बड़ा होने के बावजूद इसे बनाने के लिए मात्र 4 साल का समय लगा था। लेकिन जैसे ही इसका काम पूरा हुआ, उधर गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु हुई। इसके बाद किले में गयासुद्दीन तुगलक का मकबरा बनाया गया। तुगलकाबाद किला लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया है।
15. Lodhi Garden
नई दिल्ली के प्रसिद्ध उद्यानों में से एक “लोधी गार्डन” एक बहुत लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह गार्डन चारों ओर से खूबसूरत बागों से भरा हुआ है। लोधी गार्डन लगभग 90 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस गार्डन का निर्माण 16वि सदी में जब दिल्ली पर सैय्यद और लोधी वंश का शासन के दौरान किया गया था। फिर बाद में 1936 में इस गार्डन को ब्रिटिश कार्यकारीयों ने सार्वजनिक रूप से खोला गया और इसे “लेडी विलिंगडन पार्क” नाम दिया गया।
उसके बाद जब भारत को स्वतंत्र मिलने के इसका नाम “लोधी गार्डन” रखा गया है। इसके अलावा यहाँ कई नवाबो के मकबरे भी बनाये गए है। जैसे की, मुहम्मद शाह का मकबरा, सिकंदर लोधी का मकबरा। इसे देखने के लिए यहाँ हर साल हजारों पर्यटक जाते है।
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