Best Places to Visit in Ujjain: मध्य प्रदेश राज्य का ऐतिहासिक और सबसे धार्मिक स्थल मतलब उज्जैन। उज्जैन को भारत के प्रमुख धार्मिक और तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। उज्जैन को “महाकाल की नगरी” और “उज्जैन के महाकाल” भी कहा जाता है। उज्जैन शिप्रा नदी के तट पर स्थित है। उज्जैन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग है। यहाँ हर दिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते है। यहाँ के महाकालेश्वर मंदिर की “भस्म” आरती बहुत लोकप्रिय है, जो मंदिर में सुबह 4 की जाती है।
यहाँ की और धार्मिल स्थलों में काल भैरव मंदिर, गोपाल मंदिर, संदीपनी आश्रम और हरसिद्धि मंदिर यह स्थल है। कहां जाता है की, उज्जैन की पवित्र शिप्रा नदी में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। इसलिए उज्जैन को ‘मोक्षदायिनी नगरी’ भी कहा जाता है। इस लेख आपको उज्जैन में घूमके लिए कौनसी जगह बहुत अच्छी है, इस के बारे में जानकारी मिलेगी।
1. Ujjain Mahakal Mandir
महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन का सबसे बड़ा और धार्मिक मंदिर है। इस मंदिर में भगवान शिव जी आराधना की जाती है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग है। महाकालेश्वर मंदिर की खास बात यह है की, मंदिर के अंदर की शिवलिंग का मुँह दक्षिण दिशा की तरफ है, जिसे दक्षिणमुखी शिवलिंग कहते है। महाकालेश्वर मंदिर की सबसे प्रमुख आरती भस्म आरती है। यह आरती दिन सुबह 4 बजे होती। इस आरती में महादेव का श्रृंगार भस्म से किया जाता है, और ये भस्म शमशान घाट से लाया हुआ होता है।
यह आरती पुरे भारत में प्रसिद्ध है। इस आरती के लिए भक्तों को मंदिर की ऑफिशल वेबसाइट से एक से डेढ़ महीने बुकिंग करनी होती है। महाकालेश्वर मंदिर तीन मंजिला है, जिसमे सबसे निचे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है। ऊपर के स्तरों में भगवान नागचंद्रेश्वर और ओंकारेश्वर के मंदिर है। नागचंद्रेश्वर मंदिर की खास बात यह है की, यह मंदिर सिर्फ नाग पंचमी के दिन ही खोला जाता है। महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। इस समय यहाँ देश विदेश से शिव जी के भक्त यहाँ आते है।
2. Kala Bhairava Temple
काल भैरव मंदिर महाकालेश्वर मंदिर से लगभग 6 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। इस मंदिर में भगवान भैरव नाथ जी की पूजा की जाती है। भगवान काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है। भगवान काल भैरव को समय, मृत्यु और न्याय का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है की, इस मंदिर में भगवान काल भैरव को शराब का भोग लगाया जाता है। इस मंदिर में भक्त प्रशाद के रूप में शराब देते है। जो भक्त भगवान भैरव को शराब चढ़ाते है, वह उस शराब का स्वीकार आवश्य करते है।
इस मंदिर की यह प्रथा पुरे देश में अलग और खास मानी जाती है। प्राचीन कथाओं में माना जाता है कि, काल भैरव मंदिर का निर्माण महाभारत काल के दौरान हुआ था। इस मंदिर में भगवान काल भैरव की रौद्र रूप धारण करी हुई मूर्ति है और इस में त्रिशूल, डमरू और खप्पर धारण किए हुए है। इस मंदिर हर रोज हजारों भक्त यहाँ दर्शन के लिए आते है। लेकिन जब भैरव अष्टमी हो तो, यहाँ भक्तों की बहुत दूर दूर तक कतार लग जाती है।
3. Sandipani Ashram
संदीपनी आश्रम उज्जैन का धार्मिक स्थल है। संदीपनी आश्रम ऋषि संदीपनी से जुड़ा हुआ है। यह वही आश्रम जहां भगवान श्रीकृष्ण, उनके बड़े भाई बलराम और सुदामा ने अपनी शिक्षा प्राप्त की थी। कहा जाता है की, इस आश्रम में ऋषि संदीपनी ने भगवान कृष्ण को 64 कलाओं का ज्ञान दिया था। इस आश्रम में भगवान कृष्ण के अलावा और बाकि राजकुमार ने शिक्षा प्राप्त की है। आश्रम के पास में ही गोमती नाम का एक तालाब है। जिसे “गोमती कुंड” भी कहा जाता है। इस आश्रम में भगवान कृष्ण के भक्त इसलिए आते है क्यूंकि, यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा के साथ-साथ उनके बचपन के किस्सों से भी जुड़ा हुआ है।
4. Kaliadeh Palace
उज्जैन की शिप्रा नदी के पास स्थित कालियादेह पैलेस उज्जैन का एक ऐतिहासिक महल है। इस महल को सुल्तान गयासुद्दीन खिलजी ने 15वीं शताब्दी में बनवाया था। इस महल में राजपुताना और मुग़ल शैलचित्र देखने को मिलती है। इसके अलावा महल के अंदर गुंबद, बड़े बड़े स्तंभ और खिड़किया है, जो देखने में बेहद सुन्दर लगते है।
इस महल खास बात यह है की, इस महल के अंदर पानी को इकट्ठा करने के तालाब और झरने की व्यवस्था की गई थी। शिप्रा नदी से महल के अंदर पानी लाने के लिए निचे से पानी जाने के लिए बड़े बड़े नल लगाए गए थे। महल के चारों और हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता फैली हुई है। उस समय अकबर और जहांगीर ने इस महल का दौरा किया था, तब उनको यह महल बहुत पसंद आया था। महल के पास में ही कालियादेह के कई प्राचीन मंदिर भी शामिल है।
5. Harsiddhi Temple
हरसिद्धि मंदिर उज्जैन के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर में देवी हरसिद्धि की आराधना की जाती है। देवी हरसिद्धि को माँ दुर्गा का रूप माना जाता है। इस मंदिर को शक्तिपीठ माना जाता है। कथाओं के अनुसार यहाँ पर देवी सती की कोहनी गिरी थी। इस मंदिर में सबसे लोकप्रिय इस का प्रवेश द्वार है, इस प्रवेश द्वार पर दो ऊँचे दीपमालिका स्तंभ स्थित हैं। इन स्तंभों नवरात्री के दिनों में बहुत सारे दिए लगाए जाते है। इस के अलावा मंदिर में देवी हरसिद्धि की बड़ी मूर्ति की स्थापना की गई है।
देवी की मूर्ति को सिंदूर से श्रृंगारित किया जाता है। पुराणी कथाओं के अनुसार कहा जाता है की, उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य देवी हरसिद्धि के बहुत बड़े भक्त थे। हरसिद्धि देवी ने उस सम्राट को युद्ध में विजय होने का वरदान दिया था। इस के कारन ही, विक्रमादित्य ने उज्जैन को एक महान साम्राज्य बनाया। हरसिद्धि मंदिर में नवरात्रि का उत्सव बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। इस समय यहाँ देवी के भक्त बड़ी दूर दूर से यहाँ आते है।
6. Gopal Temple
उज्जैन के प्रमुख धार्मिक स्थलों में सबसे लोकप्रिय गोपाल मंदिर का नाम लिया जाता है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। गोपाल मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में महारानी बायजाबाई ने करवाया था। महारानी बायजाबाई मराठा साम्राज्य की एक प्रमुख शासक थीं। इस मंदिर को बनाने के लिए संगमरमर का उपयोग किया गया है। इस के अलावा, मंदिर की वास्तुकला मराठा शैली से बनी हुई है। मंदिर के अंदर भगवान श्रीकृष्ण की बहुत सुंदर और बड़ी मूर्ति की स्थापना की गई है।
इस मंदिर में भगवान कृष्ण की बचपन की आराधना की जाती है, मतलब छोटे बच्चे की तरह। इसलिए इस मंदिर को “गोपाल मंदिर” इस नाम से जाना जाता है। मंदिर में जन्माष्टमी गोकुलाष्टमी जैसे त्योहार बड़ी जोर से मनाये जाते है। गोपाल मंदिर का एक और प्रमुख आकर्षण इसका सोने का द्वार है, जिसे ‘स्वर्ण द्वार’ कहा जाता है। यह द्वार इतना सुन्दर है की, लोग बड़ी दूर दूर से इसे देखने यहाँ आते है।
7. Chintamani Ganesh Temple
श्री चिंतामन गणेश मंदिर उज्जैन के सबसे प्राचीन और धार्मिक मंदिरों में से एक है। यहां भगवान गणेशजी के चिंतामन रूप की पूजा की जाती है। इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में किया गया था और स्थानीय लोगों के द्वारा कहा जाता है की इस मंदिर का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने किया है। मंदिर में भगवान गणेश जी एक बहुत सुन्दर मूर्ति की स्थापना की गई है।
इस मूर्ति का निर्माण किसी इंसान ने नहीं किया है, बल्कि यह एक स्वयंभू मूर्ति है। इस मंदिर में गणेश जी की तीन मूर्तिओं की स्थापना की है, चिंतामन गणेश, सिद्धिविनायक और अवंतिका गणेश। मंदिर को बनाने के लिए प्राचीन और मजबूत पत्थर का इस्तमाल किया गया है इसलिए यह मंदिर आज के समय में भी बहुत मजबूत है।
8. RamGhat
उज्जैन की शिप्रा नदी के किनारें स्थित राम घाट उज्जैन के सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन घाटों में से एक है। यहाँ हर बारा साल में सिंहस्थ कुंभ मेला का आयोजन किया जाता है और उसमे देश विदेश से भक्त शामिल होते है। राम घाट का नाम भगवान श्रीराम के नाम पर रखा गया है क्यूंकि, ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने अपने 14 साल के वनवास के दौरान इस घाट पर स्नान किया था और इसे पवित्र बनाया था। कहा जाता है की राम घाट पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति मिलती है। यहाँ हर साल कार्तिक पूर्णिमा, मकर संक्रांति और दिवाली जैसे त्यौहारों पर विशेष स्नान का आयोजन किया जाता है।
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Ujjain to Omkareshwar Distance: 140KM
Indore to Ujjain Distance: 55KM
Bhopal to Ujjain Distance: 191KM
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