पुणे महाराष्ट्र राज्य का एक शिक्षित और खूबसूरत जिला। पुणे को “पूर्व का ऑक्सफोर्ड” और महाराष्ट्र की “सांस्कृतिक राजधानी” भी कहा जाता है। यह जिला 17वीं सदी में शिवाजी महाराज के काल से बहुत प्रसिद्ध हुआ। क्यूंकि यहाँ के लाल महल में शिवाजी महाराज ने अपने कई महत्वपूर्ण साल गुजारे है। पुणे के शिक्षा की बात करे तो यहाँ, पुणे विश्वविद्यालय, फर्ग्युसन कॉलेज, और Symbiosis International University जैसे बड़े बड़े कॉलेजेस है।
पुणे में परिवार, दोस्त या जोड़ीदार के साथ घूमने के लिए बहुत अच्छी अच्छी जगह है। जैसे की, शनिवार वाड़ा, आगा खान पैलेस, दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर, केलकर म्यूजियम, राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान। तो इस लेख में आपको इन सभी जगहों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है।
1. Shaniwar Wada
शनिवार वाडा पुणे के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इसे 1732 में मराठा साम्राज्य के महान पेशवा बाजीराव प्रथम बनवाया था। यह वाड़ा मराठा साम्राज्य का प्रतिक माना जाता है। इस वाड़ा को बनाने की प्रक्रिया शनिवार के दिन हुई थी, इसलिए इसका नाम शनिवार वाड़ा रखा गया है। इस वाड़ा को पत्थर और लकड़ी से बनाया गया है। यह वाड़ा पहले 13 मंजिला ऊँचा था, लेकिन 1828 में यहाँ आग लगी थी। उसके कारन यहाँ का बहुतसा हिस्सा जल गया।
अभी के समय में इस के सिर्फ पांच दरवाजे है। पांच में से एक दरवाजा सबसे बड़ा है, जिसे “दिल्ली दरवाजा” इस नाम से जाना जाता है। उस समय पेशवा परिवार यही रहता था और यही से राज्य के सभी निर्णय लिए जाते थे। इसके अंदर एक दरबार हॉल भी है, जहां पेशवा दरबार लगता था। साथ यहाँ हरियाली से भरा उद्यान और फव्वारे है। शनिवार वाड़े के बारे में एक प्राचीन कहानी है। जिसे सुनकर लोगों के होश उड़ जाते है। कहा जाता है की, यहाँ पर पेशवा नारायणराव की हत्या हुई थी, और उसकी चीखें आज भी यहाँ सुनाई देती है। इसलिए ट्रस्ट की तरफ से यहाँ रात के समय प्रतिबंध लगाया है।
2. Dagdusheth Ganpati Temple
दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर पुणे जिले का सबसे लोकप्रिय मंदिर है। यहाँ हर रोज हजारों भक्त दर्शन करने के लिए आते है। इस मंदिर में गणेश जी की पूजा की जाती है। मंदिर के बारे में कहां जाता है की, दगडुशेठ हलवाई नाम का एक व्यापारी और उसके पत्नी ने इस मंदिर का निर्माण किया है। प्लेग महामारी के दौरान व्यापारी के पुत्र के मृत्यु हो गई थी, उसके बाद गणेश जी के प्राप्ति पाने के लिए व्यापारी ने यह मंदिर बनवाया था, और इसे सोने से भर दिया था।
गणेशोत्सव के समय इस मंदिर को फूल, लाइटिंग और दियों से सजाया जाता है। गणेशोत्सव के दिनों में यहाँ रोज लाखों भक्त भगवान गणेश जी का आशीर्वाद लेने के लिए आते है। 2022 में मंदिर के 130 साल पुरे होने का उत्सव मनाया गया। जिसमे लाखों श्रद्धालु ने हिस्सा लिया था।
3. Aga Khan Palace
आगा खान पैलेस पुणे का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह महल सुल्तान मोहम्मद शाह आगा खान ने 1892 में बनाया था। जब पुणे में सूखा और अकाल आया था, तब स्थानीय लोगों और किसानों रोजगार देने के लिए यह खाना बनाया था। इस महल की इमारत पूरी तरह से इटालियन शैली से बनाई गई है। जो देखने में बेहद सुंदर दिखती है। महल के अंदर हरियाली से बाग़, बड़ी बड़ी गलियां और एक बड़ा हॉल है। इस महल में 1944-45 के दौरान महात्मा गांधी, उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी, महादेव देसाई और बाकि भारतीय सैनिकोंको कैद कर रखा था।
इस दौरान महादेव देसाई और कस्तूरबा गाँधी का निधन इसी महल में हुआ था। उन दोनों की समाधियाँ आज भी यहाँ मौजूद है। महल के अंदर एक संग्रहालय भी है, जहां प्राचीन वस्तु, पुराणी तस्वीरें और काम के दस्तावेज का प्रदर्शन किया गया है। आगा खान पैलेस में हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती के मौके पर कुछ कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमे गाँधी जी को श्रद्धांजलि देने के लिए कई देश प्रेमी यहाँ मौजूद रहते है।
4. Saraswati Wada
18वीं शताब्दी में निर्माण किया गया सरस्वती वाड़ा पुणे शहर का एक ऐतिहासिक स्थल है। इस वाड़े का निर्माण पेशवा बाजीराव के शासनकाल के दौरान किया गया है। इस महल की वास्तुकला मराठा शैली से बनाई है। वाड़े का छत, खिड़किया और दरवाजे पूरी तरह से नक्षीकाम से भरे हुए है। स्थानीय लोगों द्वारा कहा जाता है की, पेशवा बाजीराव ने अपने आखिर के दिनों में यहाँ विश्राम किया था, इस लिए इसे “विश्रामबाग़” इस नाम से भी जाना जाता है।
महल के सामने एक बड़ा आँगन है, जहां पेशवा की दरबार लगती थी। इस वाड़ा का नाम पुणे के प्रमुख स्थलों में लिया जाता है। इसे देखने के लिए पर्यटक हर साल बड़ी संख्या में यहाँ आते है। यहाँ पर हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसमें महात्मा गाँधी, लोकमान्य तिलक, सावित्रीबाई फुले, भगतसिंग जैसे वीर सेनानीयों को श्रद्धांजलि दी जाती है। यह वाडा पुणे शहर के बिच में होने की वज़ह से यहाँ जाने के लिए बस और टैक्सी का उपयोग करना होता है।
5. Rajiv Gandhi National Park
पुणे शहर के लगभग 130 एकड़ में फैला राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान यहाँ का प्रमुख और सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है। यह उद्यान पुणे शहर के कात्रज क्षेत्र में है। राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान का निर्माण 1999 में की गई थी। इस उद्यान में बाघ, तेंदुआ, हिरन, भालू, मगरमच्छ, सांप और मोर जैसे जानवर देखने को मिलते है। इस उद्यान में और एक सर्प उद्यान है। जहां सांप की सभी प्रजातियां रखी गई है। इसके साथ उद्यान में एक मिनी ट्रेन भी है। जो उद्यान में चारों ओर चलती है।
इस ट्रेन में बच्चों को बहुत मजा आता है। बच्चों के बाकि पर्यटक इस ट्रेन बैठ सकते है और उद्यान का चारों तरफ का और जानवरों का नजारा देख सकते है। इस उद्यान में जानवरों और पर्यावरण के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अलग अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह उद्यान परिवार के साथ पिकनिक मनाने का एक शांत स्थल है। उद्यान के अंदर पैदल चलने के लिए छोटे से रस्ते बनाए है, जहां से जानवरों को बहुत करीब से देखने का मौका मिलता है।
6. Sinhagad Fort
पुणे शहर से लगभग 35 किलोमीटर की दुरी पर स्थित सिंहगढ़ किला एक ऐतिहासिक और प्रसिद्ध किला है। सिंहगढ़ का अर्थ “सिंह का गड” ऐसा है। यह किला महाराष्ट्र के मराठा इतिहास का प्रतिक माना जाता है। यह किला समुद्र तल से लगभग 4,304 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। सिंहगड किले का नाम सबसे पहले “कोंढाणा” था। लेकिन इसे शिवाजी महाराज के वीर योद्धा तानाजी मालुसरे की बहदुरी के सन्मान में इसे सिंहगढ़ नाम दिया गया। 1670 में तानाजी मालुसरे ने मुग़लो के खिलाफ एक खतरनाक लढाई लड़ी थी, इस लड़ाई में उनकी मृत्यु हो गई। लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं गया, क्यूंकि उनकी लड़ाई के कारन यह किला मराठा सैनिकों ने यह किला जित लिया।
तानाजी मालुसरे के बलिदान पर शिवाजी महाराज जी ने एक बात बोली थी। “गढ़ आला पण सिंह गेला” (किला तो जीत लिया, लेकिन सिंह खो गया)। इस किले की वास्तुशैली मराठा वास्तुशैली में बनाई है। किले के अंदर काली मंदिर, तानाजी मालुसरे स्मारक और पुणे दरवाजा देखने लायक स्थल है। किले के ऊपर से पश्चिमी घाटी का बेहद सुंदर हरियाली से भरा दृश्य देखने को मिलता है। किले के ऊपर जाने के लिए ट्रेकिंग करनी होती है। बारिश के मौसम में यहाँ का मौसम बेहद सुन्दर दीखता है।
7. Pataleshwar Cave Temple
पाटलेश्वर गुफा मंदिर पुणे के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को 8वीं सदी में राष्ट्रकूट वंश के समय में बनाया गया था। पाटलेश्वर गुफा मंदिर पूरी तरह से पत्थरों से बनाया गया है, इसलिए इसे पाटलेश्वर मंदिर नाम से जाना जाता है। मंदिर के अंदर एक शिवलिंग की स्थापना की है। इस मंदिर की सबसे अद्भुत बात यह है की, मंदिर का सभा मंडप बहुत बड़ा है और वह आज भी पत्थरों के खंभो पर सही सलामत खड़ा है।
इन खभों पर प्राचीन नक्षी और देवताओं की मुर्तिया उकेरी गई है। शिव मंदिर होने के कारन यहाँ महाशिवरात्रि और श्रावण जैसे बड़े त्योहारों पर शिव भक्तों की बहुत भीड़ देखने को मिलती है। पाटलेश्वर गुफा मंदिर पुणे के शिवाजी नगर में है, इसलिए यहाँ तक जाने के लिए टैक्सी या बस का उपयोग कर सकते हो।
8. Laal Mahal
पुणे का लाल महल शिवाजी महाराज के काल का एक बहुत लोकप्रिय और ऐतिहासिक स्थल है। इस लाल ,महल को शिवाजी महाराज के पिता शाहजी भोंसले ने 1630 में बनाया था। इस महल को इसलिए बनाया गया था क्यूंकि, शिवाजी महाराज और उनकी माता जीजाबाई यहाँ रह सके। इस महल में शिवाजी महाराज ने अपने जीवन के कई साल यहां गुजारे है और उनकी शिक्षा भी यहाँ पर ही हुई है। कहा जाता है की, इसी महल में शिवाजी महाराज ने अफजल खान के सेनापति शाइस्ता खान की उंगलियां काटी थी।
इस महल को 1980 में सरकार द्वारा फिर से लाल रंग और ईंटो से बनाया गया। महल की दीवारों पर पेंटिंग और शिवाजी महाराज के बारे में जानकारी दी गई है। महल के अंदर शिवाजी महाराज और जीजाबाई की मूर्तियां देखने को मिलती है। यहाँ पर शिवाजी महाराज और जीजाबाई जी की जयंती पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। लाल महल पुणे के शिवाजी रोड पर है, इसलिए यहाँ टैक्सी और ऑटो रिक्षा से जाना बहुत आसान है।
9. Lohagarh Fort
लोहगढ़ किला पुणे के साथ साथ पुरे महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इस किले का निर्माण 18वीं सदी में छत्रपति शिवाजी महाराज ने किया था। यह किला बहुत मजबूत और बड़ा है, इसलिए इसे लोहगढ़ इस नाम से जाना जाता है। लोहगढ़ का मतलब “लोहा” और “गढ़” है, जिसका अर्थ है “लोहा का किला”, ऐसा होता है। लोहगढ़ किला 1033 मीटर ऊंचाई पर स्थित होने के कारन यहाँ पर्यटकों को ट्रेकिंग करने का मौका मिलता है।
इस किले के अंदर आज भी मंदिर, पुराणी पानी की टंकियां और कमरे है। किले पर से दूर दूर तक का बहुत खूबसूरत दृश्य दीखता है। इसके अलावा अंदर एक शिवजी के अवतार भैरवनाथ जी का मंदिर भी है, जो बहुत प्राचीन समय का कहा जाता है। लोहगढ़ किला हो या बाकि कौनसा भी किला हो इसे देखने का सबसे अच्छा समय जून महीने से सितम्बर महीने क बिच का होता है। इस मौसम में बारिश के कारन यहाँ का वातावरण बहुत सुन्दर और हरियाली से भर जाता है।
10. Mulshi Dam
मुलशी डैम का पानी पुणे के सभी घरों में पहुँच्याया जाता है। यह डैम पुणे के सबसे बड़े डैमो में से एक है। यह मुलशी डैम पुणे के मुलशी तालुका की भोर नदी पर बनाया गया है और इसका निर्माण 1990 में किया गया था। इस डैम को बनाने का मुख्य कारण पानी को बचाना, सिंचाई और बिजली का निर्माण करना था। यह डैम इतना बड़ा है की इसका पानी पुरे पुणे शहर में भेजा जाता है।
यह डैम एक पिकनिक स्थल भी है। चारों ओर बड़े बड़े पहाड़ और जंगल है। डैम के पास में कैम्पिंग का आनंद लेने के बहुत सुन्दर सुन्दर स्थल है। मुलशी डैम पुणे से लगभग 45 किलोमीटर की दुरी पर है। यहाँ पर जाने के लिए कार और बाइक सबसे अच्छा वाहन है।
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